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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर शिवलिंग अभिषेक का महत्व, सात विशेष वस्तुओं से करें पूजा

वैदिक पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 का शुभ पर्व 04 दिसंबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जा रहा है। पूर्णिमा तिथि 04 दिसंबर सुबह 08:37 बजे प्रारंभ होकर 05 दिसंबर सुबह 04:43 बजे तक रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा अत्यंत पवित्र मानी जाती है और इस दिन किया गया स्नान, दान, जप और पूजा-अर्चना कई गुना अधिक फलदायी होती है।

इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की विशेष पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। खासतौर पर शिवलिंग पर कुछ विशिष्ट वस्तुओं का अभिषेक करने से कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

शिवलिंग पर अर्पित करने योग्य सात विशेष वस्तुएं

कच्चा दूध – मानसिक शांति एवं आर्थिक समस्याओं से राहत।

दही – जीवन में स्थिरता और वित्तीय मजबूती।

शहद – सौभाग्य वृद्धि और बाधा निवारण।

बिल्व पत्र – तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र उल्टा अर्पित करने से धन-वृद्धि।

गन्ने का रस – घर में लक्ष्मी का स्थायी वास।

काले तिल – शनि दोष में कमी और रुका धन मिलने की संभावना।

अक्षत (चावल) – सदैव शुभ फल और धन-संपन्नता।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नियम एवं सावधानियां

घर एवं पूजा स्थान की अच्छी तरह सफाई करें।

काले रंग के वस्त्र न पहनें।

किसी भी प्रकार के विवाद या नकारात्मक विचारों से बचें।

संपूर्ण पूजा श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।