सर्दियों में विटामिन D की प्राकृतिक वृद्धि—धूप लेने का सही समय जानें
सर्दियों के मौसम में लोगों में विटामिन D की कमी आम समस्या बन जाती है। इसका मुख्य कारण धूप का कम मिलना तथा वातावरण में धुंध/प्रदूषण के कारण सूरज की किरणों का प्रभावी रूप से त्वचा तक न पहुंच पाना है। विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन D शरीर में तभी बनता है जब त्वचा पर पर्याप्त मात्रा में पराबैंगनी-बी (UV-B) किरणें पड़ती हैं।
शोध के अनुसार धूप का सबसे उपयुक्त समय
एक हालिया स्टडी बताती है कि सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच विटामिन D का उत्पादन सबसे अधिक होता है। इस समय सूरज की किरणें सीधी होती हैं और वायुमंडल में कम अवरोध के साथ त्वचा तक पहुंचती हैं।
दोपहर की धूप क्यों फायदेमंद?
सर्दियों में 20–30 मिनट तक बिना सनस्क्रीन धूप में बैठना पर्याप्त माना जाता है।
हाथ, चेहरा या बांह जैसे खुले हिस्सों पर धूप पड़ने से शरीर तेजी से विटामिन D बनाता है।
यह लंबे समय तक धूप में रहने की आवश्यकता को भी कम करता है।
भौगोलिक स्थिति व त्वचा के रंग का प्रभाव
विटामिन D बनने की क्षमता आपके रहने के क्षेत्र, मौसम और त्वचा के रंग पर भी निर्भर करती है।
गहरे रंग की त्वचा वालों को हल्की त्वचा वालों की तुलना में थोड़ा अधिक समय धूप में रहना चाहिए।
उत्तर भारत जैसे ठंडे क्षेत्रों में सुबह की अपेक्षा दोपहर की धूप अधिक प्रभावी होती है।
आवश्यक सावधानियाँ
धूप में 30 मिनट से अधिक समय तक न रहें।
त्वचा में हल्की गुलाबी आभा दिखने लगे तो तुरंत छाया में आ जाएं।
अत्यधिक धूप से त्वचा को नुकसान और कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट भी लिए जा सकते हैं।
विटामिन D के साथ संतुलित आहार और पौष्टिक भोजन का सेवन जरूरी है।
यह प्रेस नोट विभिन्न मेडिकल रिपोर्टों और शोध अध्ययनों पर आधारित है तथा सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने हेतु जारी किया जा रहा है।