News Image

काल भैरव जयंती 2025: तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

भैरव अष्टमी, जिसे काल भैरव जयंती या काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है, भगवान शिव के उग्रतम स्वरूप भैरव के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पवित्र तिथि हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है। इस दिन भक्तजन भगवान काल भैरव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

🗓️ काल भैरव जयंती 2025 की तिथि और मुहूर्त

दिन: बुधवार, 12 नवंबर 2025

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 11 नवंबर 2025, रात 11:08 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त: 12 नवंबर 2025, रात 10:58 बजे

इस शुभ दिन भगवान काल भैरव की आराधना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, भय से रक्षा और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

🙏 भगवान काल भैरव कौन हैं?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव भगवान शिव के क्रोध से उत्पन्न हुए एक उग्र रूप हैं। एक कथा के अनुसार, जब त्रिदेव — ब्रह्मा, विष्णु और महादेव — में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ, तब ब्रह्मा जी के अहंकारवश बोले गए अपमानजनक शब्दों से शिव क्रोधित हो उठे। उसी समय उनके क्रोध से भैरव का जन्म हुआ, जिन्होंने शिव की आज्ञा से ब्रह्मा का एक सिर काट दिया। इसके बाद भैरव को “दंडपाणि” कहा जाने लगा — अर्थात् दंड देने वाले देव।

भगवान भैरव का वाहन कुत्ता है, इसलिए उन्हें कुत्ते की सवारी करने वाले देवता के रूप में भी पूजा जाता है।

📖 पौराणिक कथा

एक अन्य कथा के अनुसार, जब भगवान भैरव ने ब्रह्मा जी का सिर काटा, तो उन पर ब्रह्महत्या का दोष लग गया। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने कपाली व्रत धारण किया और भिक्षुक के रूप में पृथ्वी पर घूमने लगे।
जब वे काशी (वाराणसी) पहुँचे, तब उनका पाप नष्ट हुआ। आज भी वाराणसी में काल भैरव मंदिर स्थित है, जहाँ भक्त उन्हें “काशी के कोतवाल” के रूप में पूजते हैं।

🌼 पूजा का महत्व और विधि

भैरव अष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है। इस दिन प्रातः स्नान करके, काले तिल, सरसों के तेल का दीपक, और काले वस्त्रों के साथ पूजा की जाती है।
भक्त भगवान भैरव को सरसों के तेल का दीपक, काले तिल, काले तिल के लड्डू, और कुत्तों को भोजन अर्पित करते हैं।

फलस्वरूप भक्त को मिलता है —

पापों से मुक्ति

मानसिक शांति और साहस

धन, स्वास्थ्य और समृद्धि

🔱 काल भैरव मंत्र

॥ ॐ भैरवाय नमः ॥

इस मंत्र का जप करने से भय दूर होता है और जीवन में आत्मविश्वास तथा शक्ति का संचार होता है।