महादेव सट्टेबाजी एप मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आरोपी रवि उप्पल का पता लगाने का निर्देश
नई दिल्ली, 5 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने महादेव सट्टेबाजी एप के फरार सह-संस्थापक रवि उप्पल का पता लगाने और उसे न्यायिक प्रक्रिया के समक्ष पेश करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कड़े निर्देश दिए हैं। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अपराधी अदालतों और जांच एजेंसियों को खेल का मैदान नहीं समझ सकते।
अदालत की सख्त टिप्पणी
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि इस तरह के मामलों में आरोपी जांच एजेंसियों और अदालतों से बचने के प्रयास करते हैं, जो न्याय व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। अदालत ने कहा, “ऐसे सरगनाओं के लिए अदालतें और एजेंसियां खेल का साधन नहीं हो सकतीं। इससे हमारी अंतरात्मा को धक्का लगा है, और हमें कार्रवाई करनी होगी।”
दुबई से गायब हुआ आरोपी
ईडी ने अदालत को बताया कि रवि उप्पल को दिसंबर 2023 में इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया था। बाद में उसे यूएई अधिकारियों ने निगरानी में रिहा कर दिया था। ईडी की जानकारी के अनुसार, उप्पल अब दुबई से भागकर किसी अज्ञात स्थान पर छिप गया है, जिसके चलते यूएई ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया रोक दी है।
ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अदालत को बताया कि कई वित्तीय अपराधों के आरोपी उन देशों में भाग जाते हैं जिनके साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि उप्पल ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह जैसे स्थान पर चला गया हो सकता है।
अदालत का निर्देश और अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया है कि उप्पल को जल्द से जल्द खोजा जाए और उसकी मौजूदगी अदालत के समक्ष सुनिश्चित की जाए। अदालत ने चेतावनी दी कि उप्पल को अब और समय नहीं दिया जाएगा।
मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा, “वह हमेशा भागते नहीं रह सकते। उन्हें अदालत की प्रक्रिया में भाग लेना होगा। यदि वह वापस आते हैं, तो उनकी जमानत याचिका पर उचित समय पर विचार किया जा सकता है।”
महादेव सट्टेबाजी एप घोटाला
ईडी की जांच के अनुसार, रवि उप्पल और उसके सहयोगी सौरभ चंद्राकर ने 2018 में महादेव सट्टेबाजी एप की शुरुआत की थी। यह प्लेटफ़ॉर्म ऑनलाइन गेम्स और सट्टेबाजी से जुड़ा एक बड़ा अवैध नेटवर्क था, जो देशभर में फैला हुआ था। एजेंसियों के अनुसार, इस घोटाले की कुल राशि करीब 6,000 करोड़ रुपये है।
सौरभ चंद्राकर को अक्टूबर 2024 में दुबई में गिरफ्तार किया गया था और उसका प्रत्यर्पण अनुरोध अभी लंबित है। इस मामले की प्रारंभिक जांच छत्तीसगढ़ पुलिस ने की थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी सामने आया था। बाद में यह मामला आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया।