करवाचौथ पर पतियों को भी निभाने चाहिए ये नियम, न करें ये गलतियां
करवाचौथ का पर्व केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पतियों के लिए भी अपने रिश्ते में प्रेम, विश्वास और समर्पण को मजबूत करने का सुंदर अवसर होता है। यह दिन दांपत्य जीवन में एक-दूसरे के प्रति आदर और स्नेह को नई गहराई देता है।
करवाचौथ का महत्व
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला करवाचौथ का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रदर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की दीर्घायु व सुखमय जीवन की कामना करती हैं। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी पति-पत्नी के बंधन को और अधिक मजबूत बनाता है।
करवाचौथ पर पतियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
💞 पत्नी के व्रत का आदर करें
यह व्रत पत्नी के सच्चे प्रेम और समर्पण का प्रतीक होता है। ऐसे में पतियों को चाहिए कि वे इसे हल्के में न लें या मजाक न बनाएं। पत्नी के इस तप और भावना का सम्मान करें और उनके व्रत को पूरे आदर के साथ स्वीकार करें।
🚫 मांसाहार और शराब से परहेज करें
भले ही व्रत पत्नी ने रखा हो, लेकिन पति को भी इस दिन संयम बरतना चाहिए। मांसाहार और शराब से दूरी बनाएं और चाहें तो प्रतीकात्मक रूप से खुद भी उपवास रखें। इससे आपसी प्रेम, सम्मान और एकता का भाव और गहरा होता है।
🙏 पूजा और कार्यों में सहयोग दें
पूरे दिन पत्नी व्रत और तैयारियों में व्यस्त रहती हैं। ऐसे में पति को चाहिए कि वे घर के छोटे-छोटे कामों में मदद करें, पूजा की तैयारियों में साथ दें, और यदि संभव हो तो ऑफिस से जल्दी लौट आएं ताकि इस पावन अवसर को साथ मिलकर मनाया जा सके।
🎁 उपहार को औपचारिकता न समझें
पत्नी को उपहार देना केवल परंपरा नहीं, बल्कि उनके प्रति प्रेम और आभार प्रकट करने का एक तरीका है। आप गहने, साड़ी, फूल या कोई प्यारा-सा पत्र या संदेश देकर उन्हें खास महसूस करा सकते हैं। यह छोटा-सा प्रयास उनके व्रत की थकान मिटा देगा और उनके चेहरे पर मुस्कान ले आएगा।
निष्कर्ष:
करवाचौथ का पर्व केवल स्त्रियों का नहीं, बल्कि दोनों के रिश्ते का उत्सव है। जब पति-पत्नी मिलकर इस दिन को मनाते हैं, तो यह सिर्फ एक व्रत नहीं बल्कि एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान और जीवनभर साथ निभाने के संकल्प का सुंदर प्रतीक बन जाता है।